हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिंदी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।
विश्व हिंदी दिवस मनाने का विचार पहली बार 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखा था। उन्होंने कहा था कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है और इसे विश्व भर में प्रसारित किया जाना चाहिए। 1975 में, भारत के विदेश मंत्रालय ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया।
विश्व हिंदी दिवस मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें हिंदी भाषा में व्याख्यान, साहित्यिक कार्यक्रम, और हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन शामिल हैं। कई देशों में, सरकारी कार्यालयों में हिंदी दिवस के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं।
विश्व हिंदी दिवस मनाने से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में मदद मिलती है। यह लोगों को हिंदी भाषा के बारे में जानने और इसे सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। विश्व हिंदी दिवस मनाने से हिंदी भाषा की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को भी संरक्षित करने में मदद मिलती है।
विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत किसने की ?
पहला विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 2006 को पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आदेश पर मनाया गया था। विश्व हिंदी दिवस हिंदी को सार्वभौमिक भाषा के रूप में मान्यता देने का एक अवसर है।
विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
मनमोहन सिंह के कार्याकाल में 10 जनवरी, 2006 को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद से हर साल इस दिन को धूमधाम के साथ मनाया जाता है। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी भारतीयों को हिन्दी को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए
हिंदी दिवस किसकी याद में मनाया जाता है ?
भारत के संविधान ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी, जो देवनागरी लिपि में लिखी गई है, उसे भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया । कई क्षेत्रीय भाषाओं के कारण प्रशासन के लिए हिंदी को ही आधिकारिक भाषा माना गया। इसके बाद आधिकारिक तौर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।
अब बात करते है हिंदी दिवस के इतिहास की, तो विश्व में पहला हिंदी दिवस 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था। इस महासम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
विश्व हिंदी दिवस के कई महत्व हैं। इनमें से कुछ महत्व निम्नलिखित हैं:
- यह हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में मदद करता है।
- यह लोगों को हिंदी भाषा के बारे में जानने और इसे सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- यह हिंदी भाषा की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने में मदद करता है।
- यह भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करता है।
विश्व हिंदी दिवस मनाने के तरीके
विश्व हिंदी दिवस मनाने के कई तरीके हैं। इनमें से कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:
- हिंदी भाषा में व्याख्यान, साहित्यिक कार्यक्रम, और हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन करें।
- सरकारी कार्यालयों में हिंदी दिवस के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित करें।
- हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करें।
- हिंदी भाषा सीखने और सिखाने के लिए स्वयंसेवक बनें।
- आइए हम सभी मिलकर विश्व हिंदी दिवस को मनाने में अपना योगदान दें और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए काम करें।
साल, 2023 में, विश्व हिंदी दिवस की थीम थी “हिंदी को जनमत की भाषा बनाना, बगैर उनकी मातृभाषा की महत्ता को भूले।” यह थीम हिंदी भाषा को एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के महत्व पर केंद्रित थी। यह थीम यह भी याद दिलाती है कि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए, हमें अपनी मातृभाषाओं की भी रक्षा और सम्मान करना चाहिए।
2024 में विश्व हिंदी दिवस की थीम है “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक”। यह थीम हिंदी भाषा की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत के साथ-साथ आधुनिक तकनीक और नवाचार के साथ इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालती है।
इस थीम के तहत, कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें हिंदी भाषा में व्याख्यान, साहित्यिक कार्यक्रम, और हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन शामिल होंगे। कई देशों में, सरकारी कार्यालयों में हिंदी दिवस के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे।
इस वर्ष, विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर, भारत सरकार ने “हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार” नामक एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना और लोगों को हिंदी भाषा सीखने के लिए प्रोत्साहित करना है।